प्रयागराज में सोशल मीडिया बना अपराध का नया हथियार: अश्लील वीडियो विवाद से लेकर हत्याओं तक, बेकाबू होती हिंसा की तस्वीर
#Prayagraj || #NDNewsChannel ||#Editor_Rajan_Singh_Hada || 06/04/2025 mo-9696119696ND न्यूज़ विशेष रिपोर्ट | रिपोर्टर – सुनील यादव , प्रयागराज
#प्रयागराज, जो कभी अपनी आध्यात्मिक पहचान, कुंभ नगरी और विद्या के केंद्र के रूप में जाना जाता था, आजकल अपराधों और हिंसा की वजह से राष्ट्रीय सुर्खियों में बना हुआ है। एक तरफ संगम तट की शांति है, तो दूसरी तरफ सोशल मीडिया और निजी रंजिशों की आड़ में पनप रही क्रूरता की दास्तानें हैं। हालिया मामला बारा थाना क्षेत्र के रेरा गांव का है, जहां इंस्टाग्राम पर अश्लील वीडियो विवाद के चलते एक युवक को चाकू मार दिया गया।#लेकिन यह घटना किसी एक गांव की कहानी नहीं है, बल्कि पूरे प्रयागराज जनपद की उस बदलती मानसिकता की तस्वीर है, जहां सोशल मीडिया एक ओर युवाओं की अभिव्यक्ति का मंच बनता जा रहा है, तो दूसरी ओर अपराधियों के हाथों में एक घातक हथियार भी।#बारा से शुरू हुआ मामला, सिस्टम की पोल खोलता गया#मार्च 30 की शाम। बारा थाना क्षेत्र के रेरा गांव का 18 वर्षीय सुमित विश्वकर्मा अपने घर के पास ही खड़ा था। उसे बातचीत के बहाने बुलाया गया और फिर उस पर चाकुओं से हमला कर दिया गया। हमलावर कोई और नहीं, बल्कि गांव की एक विवाहिता का पति और उसके साथी थे। आरोप है कि विवाहिता सुमित को इंस्टाग्राम पर अश्लील वीडियो भेज रही थी। जब सुमित के भाई ने विरोध किया, तो यह विरोध चुभ गया और साजिश रची गई।#चौंकाने वाली बात यह है कि घटना के तीन दिन बीत जाने के बावजूद बारा पुलिस ने अब तक FIR दर्ज नहीं की है। पीड़ित परिवार थाने के चक्कर लगाता रहा और अंत में मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई।#सोशल मीडिया विवादों की आड़ में हिंसा की बढ़ती घटनाएं#प्रयागराज में यह कोई पहला मामला नहीं है। इसी साल फरवरी में झूंसी इलाके में एक छात्रा के इंस्टाग्राम वीडियो को एडिट कर वायरल किया गया, जिससे क्षुब्ध होकर उसने आत्महत्या कर ली थी। मामले में आरोपी अब तक फरार है।#पिछले महीने की ही बात करें, तो करेली इलाके में फेसबुक पोस्ट पर हुए विवाद में दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई, जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी। वहीं, खुल्दाबाद थाना क्षेत्र में एक युवती के व्हाट्सएप स्टेटस पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर हुए विवाद में फायरिंग की घटना हुई थी।#क्या कहता है पुलिस प्रशासन?#ND न्यूज़ ने जब इस मामले में बारा थाना प्रभारी तुषार त्यागी से बात की तो उन्होंने कहा, “दोनों पक्षों को बुलाया गया है, अभी तक तहरीर नहीं मिली है।”#प्रश्न ये उठता है कि जब पीड़ित परिवार लिखित शिकायत की बात कर रहा है, घायल युवक अस्पताल में भर्ती है, तो तीन दिन तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या पुलिस किसी दबाव में है या फिर सोशल मीडिया से जुड़ी घटनाओं को गंभीरता से लेने में अब भी हिचकिचा रही है?#साइबर क्राइम और स्थानीय हिंसा का घातक गठजोड़#साइबर एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सोशल मीडिया अब सिर्फ डिजिटल स्पेस नहीं रहा, बल्कि यह जमीनी विवादों को भड़काने का माध्यम बन गया है। खासकर ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हाट्सएप पर बनाई गई रील्स और स्टेटस कई बार रंजिश का कारण बन रही हैं।#क्या बोले सामाजिक कार्यकर्ता और नेता?#गुलाबी गैंग की रीता सिंह कहती हैं, “सोशल मीडिया महिलाओं और युवाओं के लिए सशक्तिकरण का माध्यम हो सकता है, लेकिन जब इसका दुरुपयोग होता है और प्रशासन आंख मूंदे रहता है, तो यही माध्यम हिंसा और उत्पीड़न की वजह बन जाता है।”#वहीं समाजसेवी एवं वकील हेमंत पाठक कहते हैं, “प्रयागराज की पुलिस साइबर क्राइम और शारीरिक हिंसा को अलग-अलग समझती है, जबकि अब यह दोनों गहराई से जुड़े हुए हैं। कानून को तकनीक की गति से चलना होगा, नहीं तो न्याय असंभव हो जाएगा।”
#ND न्यूज़ की विशेष अपील#ND न्यूज़ प्रशासन से मांग करता है कि प्रयागराज जैसे संवेदनशील जनपद में सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों को लेकर एक साइबर निगरानी प्रकोष्ठ की स्थापना की जाए, जिसमें स्थानीय थानों की साइबर ट्रेनिंग भी शामिल हो। साथ ही इस मामले में घायल युवक को न्याय दिलाने के लिए बारा थाना पुलिस की भूमिका की जांच हो।