बिजली के निजीकरण के विरोध में उतरी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी
फतेहपुर, 27 फरवरी।मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी
जिला कमेटी के साथियों ने पूर्वाचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों को निजी हाथों में देने के सरकार के फैसले का विरोध किया है। उपरोक्त विद्युत केन्द्रों के निजीकरण से उपभोक्ताओं पर नये तरीके के भार बढ़ेगे, जिसके कारण बिजली का मूल्य दो से तीन गुना बढ़ जायेगा व स्मार्ट मीटर से रीडिंग पर असर पड़ेगा। आम उपभोक्ताओं को बार-बार विजली दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ेंगे, व बिजली के निजीकरण के कारण 55.20 पैसे से बढ़कर 18 रु. प्रति यूनिट पर बिजली लेनी पड़ेगी साथ ही विद्युत कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। अतः उत्तर प्रदेश सरकार आम जनता के हुये पूर्वाचल व दक्षिणांचल विद्युत निगमों के निजीकरण फैसले को वापस लेने की कृपा करें। हमारी मांगे है कि बिजली के निजीकरण पर रोक लगाओ। स्मार्टमीटर धोखा है, इससे उपभोक्ताओं के साथ धोखा है, इसे रोका जाए, बिजली के निजीकरण से लाखों कर्मचारियों के परिवार बर्बाद हो जायेंगे। विद्युत विभाग के कार्यरत संविदा कर्मियो को सरकारी मानदेय सहित नियमित किया जाय। नियामक आयोग का फैसला कि बिजली की चोरी का भार नियमित उपभोक्ताओं को उठाना पड़ेगा, यह गलत है। नियामक आयोग अपना फैसला रद्द करे। इस मौके पर नरोत्तम सिंह, मायाराम गौतम, राम सजीवन, रामकुमार, दिनेश कुमार, संतराम, वीरेंद्र यादव, रामकरण, विद्यार्थी चंद्रपाल, अवधेश, गोवर्धन , मणि भूषण सिंह, त्रिलोकी सिंह, सहित अन्य लोग मौजूद रहे।