पत्रकारिता की आड़ में ब्लैकमेलिंग : मीथर कंपनी के खिलाफ झूठे आरोपों का पर्दाफाश
नई दिल्ली: डिजिटल एसेट और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में अग्रणी इंटरनेशनल कंपनी मीथर के खिलाफ झूठी खबरें फैलाकर ब्लैकमेलिंग का मामला सामने आया है। कुछ मीडिया चैनल, फेसबुक ग्रुप और यूट्यूब क्रिएटर्स इस कंपनी के खिलाफ आधारहीन आरोप लगा रहे हैं, जिससे उसके यूजर्स के बीच भ्रम और भय का माहौल बनाया जा रहा है।
फर्जी आरोप और दुष्प्रचार
मीथर पर 70,000 करोड़ और 16,000 करोड़ रुपये के घोटाले के अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं, जो खुद ही एक-दूसरे से मेल नहीं खाते। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि ये आरोप बिना किसी ठोस प्रमाण के गढ़े गए हैं और इनकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
मीथर की वैधता और अंतरराष्ट्रीय पहचान
M Coin पिछले चार वर्षों से सात प्रमुख एक्सचेंजों पर ट्रेड हो रहा है और जल्द ही अन्य एक्सचेंजों पर लिस्ट होने की संभावना है।
CoinMarketCap पर वेरिफाइड है और टॉप 250 क्रिप्टो एसेट्स में भी अपनी जगह बना चुका है।
सर्टिक ऑडिट में टॉप 10% सुरक्षित वेब3 प्रोजेक्ट्स में शामिल है।
फ्रैंक मूलर ब्रांडिंग, Token 2049 एग्जीबिशन, और Mastercard द्वारा अप्रूव्ड M कार्ड इसकी विश्वसनीयता को और मजबूत करते हैं।
भारत सरकार के नियमों का पालन
मीथर भारत सरकार के OIDAR GST नॉर्म्स के तहत पंजीकृत है और नियमित रूप से जीएसटी रिटर्न दाखिल कर रहा है। हाल ही में GST विभाग की जांच में भी कंपनी को क्लीन चिट मिली है।
फर्जी पत्रकारों द्वारा ब्लैकमेलिंग का
मीथर के प्रतिनिधियों ने बताया कि कुछ फर्जी मीडिया चैनल जानबूझकर गलत खबरें फैला रहे हैं और फिर इन्हें हटाने के बदले पैसों की मांग कर रहे हैं।गौर करने वाली बात यह है कि इन चैनलों के अन्य वीडियो पर बहुत कम व्यूज़ होते हैं, लेकिन मीथर के खिलाफ बनाई गई खबरें हजारों बार देखी गईं, जिससे इस पूरे षड्यंत्र का संकेत मिलता है।
निष्कर्ष
मीथर के खिलाफ झूठे आरोपों और नकारात्मक प्रोपेगेंडा का कोई कानूनी या वित्तीय आधार नहीं है। कंपनी ने हमेशा सभी नियमों का पालन करते हुए डिजिटल एसेट इंडस्ट्री में अपनी विश्वसनीय पहचान बनाई है।मीथर अपने यूजर्स के हितों की रक्षा करने और पारदर्शी संचालन बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।